जिले का लोहावट एक बार फिर सुर्खियों में है। पुलिस ने 007 गैंग की तर्ज पर 20 से 22 साल के युवकों द्वारा बनाई 0044 गैंग के आठ सदस्यों काे गिरफ्तार किया है। 007 गैंग का मुख्य सरगना श्याम विश्नोई था तो 0044 गैंग का सरगना नेहपाल सिंह है। सभी एक साथ स्कूल में पढ़े, वहीं दोस्त हुई, वहीं बिगड़े और फिर 0044 गैंग बना ली। जिले में हथियारों का नेटवर्क बिछाया और 10 से 40 हजार में हथियार बेचना शुरू कर दिए। हथियार तस्करी के लिए गैंग ने पहले प्रतापगढ़ के हथियार तस्कर पिंटू से संपर्क किया और हथियार लेने लगे। बाद में मध्यप्रदेश के तस्करों से जा मिले और फिर वहां से हथियारों की डिलीवरी होने लगी।
रविवार को जिला पश्चिम पुलिस और स्पेशल टीम की संयुक्त कार्रवाई में 0044 गैंग के वांटेड नेहपाल सिंह सहित आठ को 11 अवैध पिस्तौल और 17 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। सभी बदमाश 20 से 22 साल के हैं। डीसीपी (पश्चिम) प्रीति चंद्रा ने बताया कि सरदारपुरा, शास्त्रीनगर, प्रतापनगर और बासनी पुलिस ने एक साथ अलग-अलग ठिकानों में कार्रवाई कर तस्करों को गिरफ्तार किया। जोधपुर में सोशल मीडिया पर बदमाशों के हथियारों के साथ वायरल होते वीडियो से आमजन में हो रही दहशत काे दूर करने के लिए पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार ने सभी थानाधिकारियों को बदमाशों और अवैध हथियारों की धरपकड़ के निर्देश दिए थे। इस पर सरदारपुरा थानाधिकारी लिखमाराम और स्पेशल टीम पश्चिम के प्रभारी सरजिल मलिक के साथ एक टीम बनाई गई। लिखमाराम को सूचना मिली कि 0044 गैंग का सक्रिय सदस्य बिलाड़ा थाना इलाके के चांदेलाव का रहने वाला नेहपाल सिंह (20) किसी को हथियार बेचने की फिराक में घूम रहा है। इस पर टीम ने रविवार काे पांचवीं रोड स्थित सुनील पान की दुकान के पास खड़े नेहपाल सिंह को दस्तयाब कर लिया। उसके पास से दो पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस बरामद हुए। उससे पूछताछ में सामने आया कि गैंग के अन्य सदस्य सरदारपुरा, शास्त्री नगर व प्रताप नगर थाना इलाकों में हथियार बेचने की फिराक में हैं। इस पर बाकी थाना पुलिस ने भी तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
फेसबुक पर 007 काे देख बनाई 0044 गैंग
पुलिस ने जिन आठ बदमाशों काे गिरफ्तार किया है, उसमें एक 26 साल और सात 20-22 साल के हैं। सभी स्कूल में साथ पढ़ते थे। बाद में इन्होंने अपराध करने लगे। फेसबुक पर 007 गैंग के बदमाशों काे हथियार लहराते देखा ताे उन्हीं की तर्ज पर अपनी 0044 गैंग बना ली। इसके बाद लूट व हथियारों की तस्करी करने लगे। मकसद- दहशत फैलाना और फिर मोटी रकम वसूलना था।