आसमान इतना साफ हुआ कि जीटी फ्लाईओवर से दिख जाता है गढ़ गणेश और मालवीय नगर से नाहरगढ़

आज की ताजा खबर। जयपुर के इतिहास में सबसे ताज़ा और स्वच्छ हवा चल रही है। यह हम नहीं कह रहे। हवा की शुद्धता को नापने वाले उपकरणों से आए परिणाम कह रहे हैं। जब लॉकडाउन में सड़कों से वाहन गायब हो चुके हैं और कारखाने बंद हैं, तब जयपुर देश के 17 राज्यों के उन 102 शहरों में शामिल हो गया है जहां की हवा लगभग शत-प्रतिशत शुद्ध हो चुकी है।


हवा को नापने के पैमाने में देखें तो आज जयपुर में माइनस 17 पर लगभग पूरी तरह शुद्ध हवा बह रही है। देश में 22 मार्च को जब लॉकडाउन शुरू हुआ उससे पहले वायु प्रदूषण +100 और +150 के बीच था। तब धड़ल्ले से वाहन दौड़ रहे थे। 
हवा की शुद्धता का यह आकलन  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल का है। मंडल ने 22 और 23 मार्च सुबह 7:00 बजे हवा की शुद्धता नाप ली थी ताकि आने वाले दिनों से तुलना की जा सके। जयपुर में हमें यह आंकड़े राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मुख्य अभियंता डॉ. वीके सिंहल ने उपलब्ध कराए हैं। 



जयपुर में पहली बार इतनी शुद्ध हवा चलने पर आसमान साफ हो गया है। इसका नतीजा यह है कि अब प्रकृति और ऐतिहासिक स्थलों के खूबसूरत नज़ारे दिखने लगे हैं। मालवीय नगर में किसी भी मॉल के रूफटॉप पर चले जाओ तो नाहरगढ़ नंगी आंखों से दिखाई दे जाएगा। यह कोई 10 किलोमीटर की हवाई दूरी होगी। यानी इस 10 किलोमीटर की परिधि में कहीं से भी आंखें नाहरगढ़ का सौंदर्य निहार सकती हैं। इसके अलावा गौरव टावर के पास वाले फ्लाईओवर से अब गढ़ गणेश भी देखा जा सकता है। 



लॉकडाउन में जयपुर में चल रही स्वच्छ हवा की वजह से परिंदे अब केवल खुले आसमान में ही नहीं,  बल्कि घरों के अंदर भी देखे जा सकते हैं। यकीन ना हो तो बनी पार्क में जाकर दो बच्चों मिनला और हमीर का पढ़ने का कमरा देख लें। पिछले 25 साल से चिड़िया संरक्षण के काम में लगे पिता गोविंद यादव से प्रेरित होकर इन बच्चों ने अपने स्टडी रूम की दीवारें खूबसूरत, रंग बिरंगे पक्षियों के चित्रों से सजा दी हैं। इन परिंदों के बीच बैठकर ही अब वे अपनी पढ़ाई करते हैं। जयपुर के पर्यावरण विशेषज्ञ निशांत नाथ शुक्ला इन दिनों एक्रेलिक रंगों से पक्षियों के स्केच बनाने में जुटे हैं। उनकी पत्नी सांची कशीदाकारी का काम करती हैं जो कपड़ों के थैलों  पर राजस्थान के राज्य-पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड)  के चित्र धागों से रच रही हैं। 



परिंदों के लिए स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है, जो उन्हें बाहर भी मिल रहा है और घरों के भीतर भी। मनुष्य सहित सभी प्राणियों के लिए स्वच्छ वायु कितनी जरूरी है, यह किसी से छिपा नहीं है। तो क्या फिर लॉकडाउन जारी रहना चाहिए?


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